क्याेंकि_भारत_महान_है
शिवम पचाैरी
खाली बैठा है इन्सान
सड़के बनी श्मसान है
झेल रहे बीमारी
डॉक्टर बने भगवान है, क्युंकि भारत महान है
काेई आता ना परिन्दा
पुलिस का बलिदान है
एकजुटता है दिख रही
घर में बैठा इन्सान है, क्युंकि भारत महान है
पिघला दे चट्टानाें काे
तिरंगा अपनी पहचान है
देश सेवा में घर बैठे
लाेगाें का भी बलिदान है, क्युंकि भारत महान है
जहाँ खेलते थे नाैनिहाल
खाली आज हर मैदान है
ऑफिस का आलम ही बुरा है
लगते सब रेगिस्तान है, क्युंकि भारत महान है
मन्दिर, मस्ज़िद हाे गये सब बन्द
घर में ही बैठ गया अब भगवान है
भूखे पेट का आलम ताे देखिये
जाे अब खुली राशन की दुकान है, क्युंकि भारत महान है
बेशक धर्म अलग हाे
एकजुटता हमारी पहचान है
हाैसलें है अब भी बुलन्द
दिखता महासंग्राम है, क्युंकि भारत महान है
भारत साफ कर रहे सफाईकर्मी
इनकी क्या अलग जान है ?
बीमारी से जूझ रहे डॉक्टर
सेवा कर रही पुलिस काे सलाम है, क्युंकि भारत महान है।
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Shivam Pachauri
काँच उद्याेग नगरी फ़िराेज़ाबाद
उ. प्र. भारतवर्ष