यादों का मौसम

 

नीलम द्विवेदी

तुम्हारे संग गुजरे जो,

सुनहरे पल याद आएँ,

चलो फिर से उसी पल को,

हम दुनिया से चुरा लाएँ।


कहाँ हम खोजते फिरते,

खुशी के पल न मिल पाएँ,

जरा तू मुस्कुरा के देख,

गुल वीराने में खिल जाएँ।


गुजरे पल तेरी यादों के,

हैं अनमोल मोती से,

कभी बिखरे न ये मोती,

भले साँसें उखड़ जाएँ।

             

 मेरे दिल का हिस्सा हों,       

 तेरी यादों का हर किस्सा,

कभी गमगीन मौसम हो,

यादें फिर से हँसा जाएँ।


सुनहरी धूप बन जाना,

गुलाबी शाम बन आना,

तेरी यादों का मौसम है,

मेरे गम भी महक जाएँ।।


नीलम द्विवेदी

रायपुर, छत्तीसगढ़

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