संवाददाता
मोहनलालगंज लखनऊ केंद्र से लेकर प्रदेश तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, फिर भी संविधान के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही इसके खेवनहार प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा परिसीमन में घोर अनिमित्ताए बरती जा रही है उक्त की शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक ग्रामीणों ने आरक्षण लागू करने की मांग की है । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगी विधानसभा एवम् लोकसभा सुरक्षित सीट मोहनलालगंज तहसील क्षेत्र निगोहां पंचायत के ग्रामीणों ने राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री , उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवम् मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे शिकायती पत्र में लिखा है कि निगोहां ग्राम पंचायत में रसूखदार व्यक्ति संविधान की धज्जियां उड़ाते अा रहे है जिसके खेवनहार प्रशासनिक अधिकारी है, क्या सरकार इसी तरह सबका साथ, सबका विकास करेगी, लेकिन सच्चाई हक़ीक़त से कोसों दूर नज़र अा रही है। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां अब धीरे-धीरे जोर पकड़ती नजर आ रही है। चुनाव लड़ने के दावेदार भी मैदान में कूद पड़े हैं।सरकार ने मतदाता पुनरीक्षण अभियान चलाकर मतदाता सूची भी जारी कर दी है।अब कौन सा गांव आरक्षित होगा और कौन सा नहीं इसकी खबर नहीं है सबसे पहला गुणाभाग इस बात के लिए लगाया जा रहा है कि इस बार जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित है या अनारक्षित है, अब 2021 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए कौन सीट किस वर्ग के लिए तय होगी। यह किसी को नहीं मालूम है। आगामी मार्च 2021 में चुनाव की घोषणा हो चुकी है परन्तु चुनाव में कौन सी सीट किस वर्ग के लिए तय होगी जनता को मालुम नहीं। परन्तु राजधानी लखनऊ के तहसील क्षेत्र मोहनलालगंज विकासखंड की निगोहां ग्राम पंचायत में ग्रामीणों के अनुसार समान्य सीट का आना तय माना जा रहा है। यहाँ तो सुरक्षित सीट पर प्रधान पद के उम्मीदवार तो सिर्फ सुरक्षित सीट आने का इंतज़ार ही करते रहते हैं।लेकिन सुरक्षित सीट नही आती है। विगत कुछ वर्षों का आंकड़ा वर्ष 2000 में समान्य महिला,2005 में समान्य महिला,2010 में सामान्य पुरूष,2015 में सामान्य महिला सीट का क्रम चलता नज़र आ रहा है। जबकि ग्राम पंचायत निगोहां में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की जातियों की जनसंख्या जनगणना के अनुसार 2595 है। राजकुमार पुत्र सुन्दर लाल निगोहां के अनुसार ग्राम पंचायत की कुल जनसंख्या 7429 है। दलितों की जनसंख्या 2595,पिछड़ा वर्ग 2569,सामान्य 2255 थी, अगर नियमानुसार देखा जाए तो निगोहां पंचायत में दलितों की सर्वाधिक आबादी है।प्रशासनिक
अधिकारियों की साठगांठ से दलितों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
देश की आजादी को भले ही 73 वर्ष बीत गए लेकिन दलित समाज को निगोहां पंचायत में प्रतिनिधित्व करने का गौरव प्राप्त नहीं हो सका है क्या भाजपा सरकार दलितों का मसीहा बनने का सपना पूरा कर पाएगी इस क्षेत्र की जनता को भाजपा सरकार से मांग है कि अबकी बार निगोहां पंचायत को सामान्य से बदल कर सुरक्षित किया जाय।ग्रामीणों ने राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री ,प्रदेश के राज्यपाल,मुख्यमंत्री सभी से इस पंचायत में आरक्षण के अनुसार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित करने की मांग की है। अब क्षेत्रीय जनता ने आरक्षण को लेकर गेंद सरकार के पाले में डाल दी है।