संवाददाता विपिन यादव
लखनऊ,12वीं शताब्दी पासी के महाराजा बिजली पासी का अवध के अधिक भू भाग पर साम्राज्य स्थापित था। महाराजा बिजली पासी ने अपने राज्य में 12 किलों का निर्माण कराया था। महाराजा बिजली पासी की माता का नाम बिजना था इसलिए उन्होंने सर्वप्रथम अपनी माता की स्मृति में बिजनागढ़ की स्थापना की थी जो कालांतर में बिजनौरगढ़ के नाम से संबोधित किया जाने लगा। महाराजा बिजली पासी ने अपने पिता नथावन पासी के नाम से नाथवागढ़ किले का निर्माण कराया। यह किला काफी भव्य और सुरक्षित माना जाता था। इतिहासकरो के अनुसार महाराजा बिजली पासी इसी किले से अपने राज्य का संचालन करते थे। दिसंबर माह में महाराजा बिजली पासी जन्मोत्सव कार्यक्रम महाराजा बिजली पासी किले पर 22 दिसंबर व 25 दिसंबर को मनाया जाता है वैश्विक महामारी कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए इस बार कार्यक्रम बहुत ही कम लोगों की उपस्थिति में मनाया गया अखिल भारतीय पासी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट रंजीत कुमार रावत की अध्यक्षता में पूर्व आईएएस आर.ए.प्रसाद रावत महाराजा बिजली पासी किले पर कई संगठनों के अध्यक्ष की उपस्थिति में महाराजा बिजली पासी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित कर महाराजा बिजली पासी के जीवन पर विस्तार से चर्चा की। व किले सौंदर्यीकरण कर पर्यटक स्थल बनाए जाने पर भी चर्चा की गई गयी। इस उपलक्ष में भारशिव संस्कृति एवं ऐतिहासिक शोध संस्थान के अध्यक्ष डॉ यशवंत सिंह अखिल भारतीय पासी युवा मोर्चा के
जिला अध्यक्ष राहुल रावत व महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष माया रावत भारतीय किसान यूनियन भदौरिया के प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र जैसवाल जिला उपाध्यक्ष आकाश गुज्जर पासी जतिन पासी,एडवोकेट संजय रावत, एडवोकेट रामनाथ रावत, एडवोकेट संदीप रावत,श्याम बाबू रावत आदि लोग उपस्थित रहे