दीपावली का पर्व आया


दीपावली का पर्व आया,       
 हर तरफ उल्लास छाया,
हों बच्चे बूढ़े या जवान,
सबके मनों में जोश छाया,
दीप माला और वंदनवार से,
आज हर घर दुकानें हैं सजी,
नटखट बच्चे तो सुबह से ही,
फुलझड़ी और पटाखे जलाऐं,
हम सब ने वस्त्र आभूषण खरीदे,
लेकिन कुछ घर आज सूने पड़े,
प्रहरी जो सीमा पे तैनात खड़े,
हर त्यौहार घर से जो रहें परे,
अपने घर को सजाने से पहले,
उन वीर भाईयों के घर सजा दें,
आज सम्मान और आस्था का,
एक दीपक उनके भी घर जला दें,
उनकी माँ का सर गर्व से उठा दें,
चलो इस बार चलकर देखते हैं,
उन अंधेरी बस्तियों में भी जहाँ,
गरीबी और भूख सोती सदा से,
आओ चलो इस बार कुछ मीठा,
उन सब के लिए भी हम बनाएँ,
अँधेरे में दीपक स्नेह का जलाएँ ,
खुशियाँ हर  मुख पर सजाएँ।
दीपावली की  पावन रात में,
मन मे हम संकल्प कर लें,
सबके हर दुख दर्द मिटाएँ,
जो निर्बल,असहाय पड़े हैं,
हम उनका सहारा बन जाएँ,
 दिवाली की रात रौशन करें,
 संवेदना का दीपक जलाएँ,
आओ दीप से दीप जलाएँ।


नीलम द्विवेदी
रायपुर(छत्तीसगढ़)


Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
ठाकुर  की रखैल
Image
सफेद दूब-
Image
पाठकीय प्रतिक्रिया  : समीक्ष्य कृति- यक्ष प्रश्न (लघुकथा संग्रह)
Image