शिवम त्रिवेदी मंडल ब्यूरोचीफ
श्रावस्ती । ट्रैक्टर-ट्राली में भरकर डीएम से फरियाद करने जिला मुख्यालय पहुंचे आदिवासी परिवार के लोग श्रावस्ती अवैध शराब निर्माण पर अंकुश लगाने के बहाने सिरसिया थाने की पुलिस इन दिनों आदिवासी गांवों में तांडव कर रही है। देर रात घरों में छापामारी के दौरान महिलाओं व बेटियों के साथ अभद्र व्यवहार किया जाता है। पुलिस के इस बर्ताव से थारू समाज के लोगों में दहशत हैं। मंगलवार को ट्रैक्टर-ट्राली में भरकर गांव के लोग अपनी व्यथा डीएम से बताने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे। परिसर में प्रदर्शन भी किया। सोमवार की रात करीब एक बजे कटकुइंया कला निवासी देवनरायन की बेटी अंजली राना, उसकी मां व छोटा भाई घर में सो रहे थे। परिवार के अन्य सदस्य बाहर थे। इसी दौरान पुलिस ने दरवाजे पर दस्तक दी। आवाज लगाने पर दरवाजा नहीं खुला तो गेट तोड़कर लगभग 15 पुलिस कर्मी घर में घुस गए। भारी संख्या में पुलिस को देख मां-बेटी सहम गई। पुलिस कर्मियों ने शराब कहां बनता है यह सवाल पूछा। अंजली ने बताया कि उनके घर में कोई शराब नहीं पीता और यहां शराब नहीं बनाया जाता है। इस पर पुलिसकर्मी भड़क गए। मां-बेटी के साथ अभद्रता करते हुए गाली-गलौज की। पूरे घर की तलाशी ली। घर में खड़ी बाइक की चाबी मांगी। चाबी न देने पर बाइक की सीट व मोबाइल फोन छीन कर चले गए। इसी रात रनियापुर गांव में भी पुलिस ने तांडव किया। कलेक्ट्रेट में डीएम से शिकायत करने पहुंचीं विफली, जनमोती, माया, सोनी, करम, सुमन, अनीता, राधा आदि ने बताया कि बिना किसी महिला सिपाही के पुलिस घर में घुस कर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ व गाली-गलौज करती है। इस व्यवहार से थारू परिवार के लोग दहशत में हैं। यह घटनाएं प्रत्येक दिन हो रही हैं। रात में कब किसके घर में पुलिस घुस जाए, कुछ पता नहीं रहता है। छापामारी करने के लिए पहुंचने वाले पुलिस जवानों में से अधिकांश खुद नशे में धुत रहते हैं। थानाध्यक्ष रामसमुझ प्रभाकर कहते हैं कि दबिश के लिए महिला पुलिस कर्मियों के साथ मैं खुद गया था। गांव के लोग अपने बचाव में मनगढंत आरोप लगा रहे हैं। थारू बाहुल्य गांवों में कच्ची शराब बनाई जाती है। पुलिस ने छापामारी कर कई बार बरामद भी किया है। इसकी सूचना पर पुलिस दबिश देने जाती है। इस दौरान यदि किसी परिवार के साथ गलत तरीके से बर्ताव किया गया है अथवा अभद्रता हुई है तो इसे संज्ञान में लेकर जांच कराई जाएगी।