आयुष्मान गिरि
ज़िंदगी में किसी के वर्तमान समय को देखकर उसके भविष्य को आँकना गलत है कुछ ऐसा संदेश हमारे देश के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी दे गए। शास्त्री जी अपने वसूलों पर चलने वाले जिन्होंने अपने एक निर्णय एवम धैर्य से पूरे सत्ता के सदस्यों के गलत धारणा को पल में बदल कर रख दिया! जी हाँ आज कुछ ऐसे ही महान राजनेता लालबहादुर शास्त्री जी का जन्मदिवस जिसे हम शास्त्री जयंती मनाते आ रहे है।
उत्तर प्रदेश के मुग़लसराय(वाराणसी) में 2 अक्टूबर 1904 को जन्मे लाल बहादुर शास्त्री जी का जीवन अत्यंत संघर्षों से भरे होने के बावजूद जिसने एक निर्धन मध्यम वर्गीय परिवार से निकलकर सबसे बड़े लोकतंत्र में अपना कुशल नेतृत्व कर एक मिसाल बने।
1952 ई० में केंद्रीय मंत्रिमंडल में रेलवे और परिवहन मंत्री भी रह चुके शास्त्री जी ने अपने व्यवहार और उच्च कोटि के छवि के कारण 9 जून 1964ई० में प्रधानमंत्री बनने के बाद भी अपने सादगी,और आम इंसान बनकर देश सेवा की , हालांकि शरूआती दौर में अनेक गाँधी वादियों ने आलोचना भले की लेकिन शास्त्री जी ने अपने आत्मविश्वास और सही सोच से उन्होंने बड़ी प्रतिष्ठा हासिल कर शिखर प्राप्त किया तथा एक सकारात्मक संदेश दिया।
भारत चीन युद्ध हारने के बाद सत्ता और लोग की आलोचना अपमान बहिष्कार से बिना हताश हुए उन्होंने कभी हार नही माना। और अंततः1965ई० में एक महत्वपूर्ण निर्णय ले जिसमें भारत पाकिस्तान युद्ध जीत कर उन्होंने हर शख्श के दिलों में जगह बना ली।
इन सब से शात्री जी ने लोगो को ये संदेश जरूर दिया कि आत्मविश्वास धैर्य और सच्ची लगन हो तो मंज़िल जरूर मिलती है और किसी के वर्तमान को देखकर भविष्य आँकना गलत।
जय जवान जय किसान का इनका प्रसिद्ध राष्ट्रीय नारा आज भी लोगों के मुख पर कंठस्थ जो जवान और किसान के श्रम मूल्य को आज भी दर्शाता है। एकता के सूत्रधार और महान सज्जन भारत के गौरव शास्त्री जी हम सबके लिए प्रेणास्रोत है!!
शास्त्री जी की जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन।
"मुश्किलों में भी शिखर की
नींव गढ़ने वाले,
आत्मविश्वास हौसलों से उचाईयों की
सीढ़ियां चढ़ने वाले!
समय चक्र जरूर एक दिन अच्छा
समय लाता हर किसी का
ऐसा संदेश दे गए महान राजनेता
जय जवान जय किसान का
नारा देने वाले !! "
आयुष्मान गिरि
बलरामपुर(उ०प्र०)