कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज को नैक मूल्यांकन में बी श्रेणी में मिली सफलता छात्रों को मिलेंगे मुख्य अवसर : कुलपति

तहसील रिपोर्टर दयाशंकर मौर्य


अयोध्या ।  आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह के प्रयास से विश्वविद्यालय ने नैक मूल्यांकन "बी-श्रेणी" में सफलता प्राप्त कर ली है। 


       इसकी खबर विश्वविद्यालय को मिलते ही पूरा विश्वविद्यालय खुशियों से झूम उठा। ढोल मजीरा एवं पटाखे दाग कर खुशियां मनाते हुए कुलपति डॉ सिंह को उनके प्रयासों के लिए इस महान उपलब्धि हेतु बधाई दिया।


      आईसीआर नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ त्रिलोचन महापात्रा के अध्यक्षता में नेशनल एग्रीकल्चर एजुकेशन एक्रिडेसन बोर्ड की 26 वीं बैठक बीते 17 सितंबर को वर्चुअल मोड (ऑनलाइन ) बैठक हुई थी। जिसमें आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या को" बी श्रेणी" में मान्यता देते हुए एक्रीडेशन पर अपना निर्णय दिया था।


कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने 2 अक्टूबर को भारत के दो विभूतियों महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धां सुमन अर्पित करते हुए पूरे विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, निदेशक, कुलसचिव ,वैज्ञानिक, कर्मचारी एवं यहां के छात्रों को नैक मूल्यांकन की बधाई दी। 


      उन्होंने कहा कि यह सफलता सबकी एकजुटता एवं प्रयासों का ही परिणाम है। छात्रों द्वारा बनाए गए माहौल और उनके प्रयासों को सफलता का श्रेय दिया एवं कहा कि इसी प्रकार मेहनत से कार्य करते हुए विश्वविद्यालय को ऊंचाईयों के शिखर पर ले जाना है। विशेष रूप से कुलपति ने उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि एवं कृषि शिक्षा मंत्री सूर्य प्रताप शाही को भी इसका श्रेय देते हुए कहा कि मूल्यांकन के पहले से मंत्री जी के दिशा निर्देश एवं तीन दिन पहले आकर विश्वविद्यालय का निरीक्षण कर दिए गए। बहुमूल्य सलाह पर कार्य करते हुए सफलता प्राप्त किया गया है। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय को इस मूल्यांकन में सफलता प्राप्त होने से छात्रों को छात्रवृत्ति, शोध हेतु आर्थिक सहायता ,खेलकूद , लाइब्रेरियों, पठन-पाठन संबंधित सुविधाएं प्राप्त होने के साथ-साथ आईसीआर एवं बाहर के छात्र यहां पठन-पाठन हेतु आएंगे एवं यहां के छात्र बाहर जाकर अपनी पढ़ाई कर अपना भविष्य उज्जवल बना सकते हैं।


      विश्वविद्यालय की मीडिया प्रभारी डॉ अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि विगत 5 वर्षों से विश्वविद्यालय को आईसीएआर नई दिल्ली द्वारा एक्रिडेशन न होने से बजट का आवंटन बंद कर दिया था। जिससे विश्वविद्यालय आर्थिक संकट के साथ साथ यहां के छात्रों को अन्य प्रदेशों में प्रवेश लेने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था जो अब नैक मूल्यांकन प्राप्त हो जाने के बाद समाप्त हो जाएगी।


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