कोरोना से जंग जितने के बाद भी लोगों के लिए सन्तुलित जीवन शैली एवं पौष्टिक आहार ज़रूरी

 



• किसी भी तरह की स्वास्थ्य जटिलता पर चिकित्सकीय परामर्श ज़रूरी


• ठीक होने के बाद भी संक्रमण का होता है खतरा, रहें सावधान 


मीर शहनवाज


दरभंगा। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लोगों की जीवन शैली बदल चुकी है. संक्रमण से बचाव के लिए लोग अपने स्तर से प्रयास भी लगातार कर रहे हैं. लेकिन एक छोटी से चूक संक्रमण की वजह भी बन सकती है. कोरोना से जंग जीतने के बाद भी पहले जैसी शारीरिक स्थिति में पहुंचने पर समय लग सकता है. इसलिए लोगों को अनुशासित जीवनशैली जीने की सलाह दी जा रही है. लिहाजा लोगों को घबराने की ज़रुरत नहीं है. इसके लिए संक्रमण से उबर चुके लोगों को भी अपने जीवन शैली में बदलाव, पौष्टिक आहार व योग को अपनाना होगा.


 


खाना का नहीं मिल पाता है स्वाद:


 


निज़ी तौर पर प्रेक्टिस कर रहे डॉ विनय ने बताया लोगों को कोरोना वायरस से जंग जीतने के बाद शरीर का पहले से ज्यादा ख्याल रखना जरूरी है,क्योंकि वायरस शरीर को कमजोर बना देता है. इम्युन सिस्टम मजबूत नहीं होने के कारण अन्य संक्रामक बीमारी की भी आशंका बढ़ ही जाती है. अगर बुजुर्ग हैं, तो ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत है. बच्चों के स्वास्थ्य पर भी नजर रखनी चाहिए. सबसे बड़ी मुसीबत यह होती है कि स्वस्थ होने के बावजूद लोगों को खाने का स्वाद नहीं मिल पाता. इस कारण खाना नहीं चाहते. इस स्थिति में परिवार के सदस्यों को पौष्टिक व संतुलित खानपान व दिनचर्या में उनकी मदद करनी चाहिए.


 


ज्यादा काढ़ा भी हो सकता है हानिकारक:


 


डॉ कुमार ने कहा कि इम्युनिटी बुस्टप का उपयोग करना चाहिए. ज्यादा काढ़ा भी हानिकारक होता है. ज्यादा हल्दी प्रयोग करने से लीवर की समस्या हो सकती है़, इसलिए आधा चम्मच (एक बार) हल्दी का उपयोग करें. गर्म पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें. खाने में हाई प्रोटीन डायट को शामिल करें. विटामिन सी का प्रयोग करें. इम्युनिटी बनाये रखने के लिए इसकी बेहद जरूरत है. जिंक के लिए अंकुरित अनाज का उपयोग करें.


 


कोरोना से स्वस्थ होने के बाद ऐसी समस्या आम


डॉ विनय कहते हैं कि पोस्ट कोविड की समस्या आम बात है, लेकिन घबराये नहीं. हौसला बुलंद रखें. कोरोना के आफ्टर इफेक्ट में घबराहट, सांस लेने व कमजोरी की समस्या शामिल है. इसे दूर होने में तीन-चार माह लग सकता है.


 


घबराहट की शिकायत


कोराना खतरनाक व जानलेवा वायरस है, इसलिए इसका प्रभाव काफी समय तक रहता है. स्वस्थ हाने के बाद भी एंजाइटी आदि की समस्या रहती है. घबराहट होने पर योगाभ्यास और ध्यान करें. सुबह व शाम 15 से 20 मिनट तक टहलें.


 


सांस लेने की समस्या


कोरोना ठीक होने के बाद सांस की समस्या परेशान करती रहती है. फेफड़ा को वायरस काफी प्रभावित करता है, इसलिए निमोनिया आदि की शिकायत हो सकती है. सांस लेने में परेशानी होने पर ऑक्सीजन का स्तर की जांच करें. ऑक्सीजन लेवल 93 से कम हो जाये, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.


 


कमजोरी व भूख नहीं लगना


डॉ कुमार के अनुसार कोरोना के बाद कमजोरी ज्यादा अनुभव होता है. वायरस हमारे शरीर में मौजूद एंजाइम व हार्मोन को प्रभावित करता है. भोजन नहीं पचने की समस्या शुरू हो जाती है. कुछ खाने का मन नहीं करता. कोरोना के बाद पौष्टिक खानपान को शामिल रखना चाहिए. जंक फूड व तैलीय पदार्थ का उपयोग नहीं करें. हरी साग सब्जी व फल को प्रर्याप्त मात्रा में शामिल करें.


 


कोरोना निगेटिव होने के बाद भी गुनगुने पानी का इस्तेमाल करते रहें


 


शरीर को डिटॉक्सीफाई (दूषित पदार्थ की सफाई) करने के लिए गुनगुना पानी में नींबू का इस्तेमाल करें


 


तरल पेय पदार्थ ज्यादा से ज्यादा लें


 


तीन लीटर पानी प्रतिदिन पीयें


 


स्वस्थ फेफड़ा के लिए योग


फेफड़ा मजबूत करने के लिए प्राणायाम ज्यादा लाभकारी होता है. कपालभाति, भ्रामरी व अनुलोम-विलोम का अभ्यास करना चाहिए. इससे फेफड़ा मजबूत होता है.


 


कोरोना से निबटने के लिए मेडिटेशन से भी लाभ पहुंचता है. एकाग्रता बढ़ती है, जिससे अनावश्यक चिंता व भय से राहत मिलती है.


 


संतुलित कैलोरी के लिए यह जरूरी


ब्रेकफास्ट (नाश्ता) : नाश्ता में प्रोटीन व विटामिन युक्त भोजन शामिल करें. रोटी, दाल और सब्जी लें.


 


नाश्ता और लंच के बीच अंकुरित अनाज, सलाद व फल को शामिल किया जा सकता है


 


दोपहर का खाना (लंच) : रोटी, सब्जी, दाल, दही, गाय का घी और नॉन वेजीटेरियन अंडा को भी थाली में शामिल कर सकते हैं. मौसमी सब्जी को शामिल करें. नींबू को सालाद में जरूर रखें.


 


लंच और डिनर के बीच पोहा, सूप व दलिया को शामिल कर सकते हैं


 


रात का खाना (डिनर): रात में हल्का भोजन लेना चाहिए. इसमें एक या दो रोटी, एक कटोरी दाल, एक कटोरी सब्जी. नॉन वेजीटेरियन अपनी थाली में अंडा शामिल कर सकते हैं.


 


रात में सोते समय हल्दी व दूध लें


 


शुरुआत में ज्यादा मेहनत नहीं करें


डॉ कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होने के बाद भी जीवनशैली का बेहतर होना जरूरी है. इसलिए लोग दिनचर्या व खानपान को संतुलित रखें. कोरोना पॉजिटिव के बाद शरीर कमजोर हो जाता है, इसलिए दूसरी बीमारी होने की आशंका भी बनी रहती है. इसलिए पौष्टिक खानपान व इम्युनिटी बढ़ाने वाले खाद्य व पेय पदार्थ को दिनचर्या में शामिल करें. कोरोना निगेटिव होने के तुरंत बाद ज्यादा शारीरिक मेहनत नहीं करें. सुबह जल्दी उठें और रात में जल्दी सोयें.


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