आरोग्य दिवस सत्रों पर आसान होगी निगरानी और समीक्षा - ट्रायल बेसिस पर छह माह के लिए किया जाना है ग्रीन चैनल के तहत कार्य
आसीफ रज़ा
मुजफ्फरपुर बेहतर सामुदायिक स्वास्थ्य की परिकल्पना को साकार करने में जिले में चल रहा ग्रीन चैनल कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होगा। अब आरोग्य दिवस पर ही लाभार्थियों को जरूरी दवाएं मिल जाएंगी। इस प्रोग्राम को केयर के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। ये बातें जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एके पांडेय ने कुढ़नी में शुक्रवार को हरी झंडी दिखाकर ग्रीन चैनल की शुरुआत करते हुए कही। इस अवसर डॉ. पांडेय ने कहा कि जिले में शुरू इस कार्यक्रम के जरिये प्रतिरक्षण में यहां की स्थिति बेहतर करने, संस्थागत प्रसव की जटिलताओं को दूर करने, एचआईवी और प्रेग्नेंसी की रिपोर्ट व एनीमिया के मामलों को कम करने में इससे बड़ा बल मिलेगा। सबसे बड़ी बात यह कि आरोग्य दिवस सत्रों पर दवाओं एवं अन्य सामग्रियों की आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ करने की प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सकेगा। आंगनवाड़ी केन्द्रों से स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। दवाओं की उपलब्धता के साथ-साथ सही समय पर हो सकेगा इलाज : इस मौके पर कुढ़नी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. धर्मेंद्र ने ग्रीन चैनल प्रोग्राम के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि जिले में नियमित टीकाकरण सत्रों पर आरोग्य दिवस आयोजित करने के लिए ग्रीन चैनल का शुभारंभ किया गया है। केयर इंडिया के द्वारा सभी एएनएम और एभीडी को प्रशिक्षण दिया गया है। ग्रीन चैनल व्यवस्था के अंतर्गत एभीडी द्वारा वैक्सीन के साथ 14 प्रकार की दवाइयां और गर्भवती महिलाओं के हीमोग्लोबिन, एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और सिफलिस जांच के लिए आरोग्य दिवस सत्रों पर किट भेजी जाएगी। ये सभी दवाइयां और जांच किट एक कैरी बैग में कूरियर के द्वारा सत्रों पर ले जाया जाएगा। डॉ. धर्मेंद्र ने बताया कि गर्भवती महिलाओं की जांच होने से समय पर बीमारी का पता चल जाएगा और इलाज हो पाएगा। एनीमिया के लक्षण मिलने पर उसका समुचित इलाज हो पाएगा। गर्भवती एवं धात्री माताओं की जांच के साथ उन्हें आईएफए और कैल्शियम की गोली देनी है। ऐसे होगी दवाओं की उपलब्धता सुगम : दवाओं की उपलब्धता के लिए आशा द्वारा गर्भवती एवं धात्री माताओं, ऐसे दंपती जिन्हें परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध कराने हैं, किशोरियों तथा पांच वर्ष तक के बच्चों की ड्यू लिस्ट बनाकर सबसे पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को भेजनी है, ताकि उनकी जरूरत के मुताबिक वैक्सीन, दवाइयां और जांच सामग्री एभीडी के द्वारा सत्र पर भेजी जा सके। यह कार्य ट्रायल बेसिस पर छह माह के लिए किया जाना है। इस व्यवस्था से नर्सों, आशा व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को सामान ढोने की व्यवस्था से निजात मिलेगी। हर गतिविधियों में कोरोना के प्रति सतर्कता जरूरी : डॉ. एके पांडेय ने बताया कि अभी कोरोना काल में हर कदम पर सतर्कता बरतने की जरूरत है। स्वास्थ्य से जुड़ी गतिविधियों के दौरान भी। मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। कोशिश रहे कि अनावश्यक रूप से कोई चीज ना छुएं। हाथ को साबुन से धोते रहें। शारीरिक दूरी का पालन करें।