◆सहजयोग द्वारा लगातार बारह घण्टे बारह भाषाओं मे आयोजित हुआ देशव्यापी निशुल्क आत्मसाक्षात्कार
रमेश कुमार मद्धेशिया
संत कबीर नगर आज 2- अक्टूबर को महात्मा गांधी एवम लालबहादुर शास्त्री जी के जयंती के अवसर पर सहज योग संस्था द्वारा ऑनलाइन देशव्यापी निःशुल्क आत्म साक्षात्कार कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इसी क्रम में सन्त कबीर नगर जनपद के लगभग 200 लोगो ने इस लाइव कार्यक्रम से जुड़कर इस अनुभव सिद्ध योग का लाभ प्राप्त किया। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत संस्कृत, हिन्दी,अंग्रेजी, उर्दू,तेलुगू ,बंगाली,गुजराती,मराठी सहित बारह प्रमुख भाषाओं में लगातार बारह घण्टे तक आत्म साक्षात्कार का अनुभव सिद्ध ध्यान सिखाये जाने की व्यवस्था की गई। हिंदी में यह कार्यक्रम प्रातः 9 बजे www.sahajayoga.org.in/live पर आयोजित किया गया। सन्त क़बीर नगर के जिला समन्वयक माधवेन्द्र तिवारी ने बताया कि माननीय शास्त्री जी ने 1965 के युद्ध व अकाल के संकट में जय जवान जय किसान नारा दे कर एवं सप्ताह में एक समय उपवास से अन्न की आत्मनिर्भरता को जिस प्रकार कायम रखा एवं महात्मा गांधी जी ने 'करो या मरो'का संपूर्ण देश को पराधीनता के संकट काल में एक सूत्र में बांधा। इन्ही से प्रेरित हो कर महामारी की दोहरी मार के संकट काल में होने जा रहे इस कार्यक्रम को स्वाभिमान दिवस का नाम दिया गया है। उल्लेखनीय है कि सहज योग सम्पूर्ण विश्व मे पूर्णतः निशुल्क संचालित होता है। इसमे दक्षता पाने के लिए विश्व में कहीं भी कोई शुल्क नहीं लिया जाता। सहज योग सूक्ष्म शरीर तंत्र के चेतनामय हो जाने की घटना है, जो आत्मा से परमात्मा का मेल कही जाती है, ईश्वर से एकाकार होना ही योग है। सहजयोग सामूहिकता पर कार्य करता है यह समाज को सामूहिक आनंद देता है। एक साधारण मनुष्य त्रिआयामी होता है क्योकि वह स्वयं को तीन स्तरों पर जान पाता है-(१)शरीर के स्तर पर (२)बुद्धि के स्तर पर और (३) मन के स्तर पर,परंतु जब योग की घटना घटित होती है तो वह चौथे आयाम मे प्रवेश करता है और आत्मा के स्तर पर भी अपने को पहचानने लगता है इसी को स्वतंत्र हो जाना कहते हैं, अर्थात स्व के तन्त्र को जानना। साथ ही लगातार साधना करते हुए जब उसका सहस्रार खुलता है तब वह प्रकाशित आत्मा,चित्त और प्रकाशित मस्तिष्क वाला होकर पंच आयामी हो जाता है। अतः मनुष्य को चाहिए कि वह अपने व समाज के उत्थान के लिए सहज योग को जीवन में आत्मसात करे। यहीं मानवता को उन्नत करने का एक मात्र दिव्य तरीका है जो कोरोना काल की शारीरिक मानसिक एवं आर्थिक समस्या से उपजे तनाव से मुक्ति पाने में सहायक सिद्ध होगा। इस लाइव कार्यक्रम में चंद्रभूषण सोनी, चंद्रदेव श्रवण कुमार, शुभम, रामचेत कृष्णकुमार ओम प्रकाश तिवारी, सतीश तिवारी, गिरिजेश, लालजी तिवारी आदि लोगो ने जुड़कर इस प्रकिया को आत्मसात किया।