संवाददाता लखनऊ
लखनऊ अनीस अंसारी संगठन मंत्री आज के ज्वालंत मुद्दो पर बात करते हुए कहा कि "जय जवान जय किसान " जवान हमारी मातृभूमि की सीमाओ की रक्षा करता है ।जबकि किसान लगभग समस्त नभचर जलचर व थलचर जीवो के जीवन का एक आधार बना है ,किसान अन्न का उत्पादन कर मानव जाति के लोगो को पालने के कारण हम उसे अन्नदाता व पालनहार कहते है मगर आज किसानो पर बिना उनके विचार विमर्श के उनपर किसान विरोधी बिल थोपा जा रहा है जो हर भारतीय किसान को असहनीय होता जा रहा है । किसानो की व्यथा विश्व पीड़ा को सरकार अन्देखा करती जा रही है सरकार के इस रवैये से किसान उग्र रूप धारण कर सकते है जो सरकार वा देश के लिए बहुत ही भयावह स्थिति उत्पन्न हो सकती है जिसकी जिम्मेदार सिर्फ योगी व मोदी सरकार होगी रोटी पैदा करने वाला किसान को भगवान के तुल्य माना जाता है लेकिन आज लोगों की भूख शांत करने वाला किसान खुद भूखा मरने की स्थिति मे आ चुका है ऐसे में सरकार को किसानों की हर समस्या को समाधान करना चाहिए न कि किसानों को बिल के बोझ तले दाब देना चाहिए किसान जब -जब आवाज उठाता है तो किसान की आवाज को दबाने का सरकार भर्षक प्रयास कर रही है जो निरर्थक साबित होगा किसान हक की लडाई लड रहा है सरकार किसानो का हक मारकर पूंजीपतियो की जेब भरना चाह रही है और किसानो को गुलामी की जंजीर मे बांधकर रखना चाह रही है कि किसान सरकार वा उनके द्वारा चयनित पूंजीपतियो की गुलाम हो जाये किसान हर समय प्रकृति की मार सकता रहता है प्रकृति की मार से किसान खुद-ब-खुद बेहाल रहता है ऊपर से योगी सरकार ने जानवरो को छुट्टा छोड़कर किसानो की परेशानियो को दुगुना कर रही है जबकि योगी मोदी सरकार किसानो की इन्कम दुगुना करने की लालच देकर सरकार मे आई थी ।इस प्रकार से मोदी योगी सरकार के सारे दावे झूठे साबित हो रहे है । ऊपर से किसान पर जो लाठियां बरसाई जा रही है । जो घोर निंदनीय कार्य है मै सरकार के इस रवैये की घोर निंदा करता हू । जो पत्रकार किसानो की आवाज को सरकार के कानो तक पहुचाने का प्रयास कर रहा है उसका भी दमन हो रही है सरकार दावे करती आई है कि कमिश्नरी लागू होने से अपराध खत्म हो जायेगा मुख्यमंत्री जी के दावे फेल पुलिस कमिश्नर लागू होते ही बेलगाम हुई उत्तर प्रदेश पुलिस शासन प्रशासन और उच्च अधिकारी नेता माफिया सभी पत्रकारों पर अत्याचार कर रहे हैं और उन्हें जान से मार की धमकी लगातार बढ़ते जा रही है फर्जी f.i.r. भी हो रही है पत्रकारों को जेल भी भेजा जा रहा है अभी तक सरकार ने कोई सी भी ऐसी स्कीम कोई योजना या ऐसा कोई नया कानून नहीं बनाया है जब पत्रकारों के लिए सुरक्षित साबित हो और पत्रकारों को सुविधाएं उपलब्ध कराई हो सरकार की तरफ से ऐसी कोई भी योजनाएं कठिन नहीं हुई है चौथे स्तंभ पत्रकारों को मान सम्मान नहीं मिल रहा है और उन्हें आए दिन टॉर्चर किया जा रहा है उत्पीड़न गाली गलौज जान से मारने की धमकी फर्जी f.i.r. जेल भेजना आए दिन वारदात बढ़ते जा रही है पत्रकारों के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए बड़ी कार्रवाई करनी चाहिए कानून योजना पत्रकारों के लिए लानी चाहिए प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री सभी से निवेदन है कि जल्द से जल्द कानून व्यवस्था पत्रकारों की पक्ष में और शिक्षित करने के लिए बनाए जाए दिया जा रहा है आए दिन उत्तर प्रदेश की समस्या बढ़ती जा रही है जहां जनता हित उचित नहीं है तो पत्रकार कहां से चुप रह पाएंगे सरकार के दावे सारे फेल हो रहे है इसी तरह से न्यायालय पालिका के ऊपर भी हमले होते आ रहे है।सरकार को बार-बार ज्ञापन के माध्यम से सचेत करने की कोशिश की गई है मगर योगी वा मोदी सरकार के कान पर जूं तक नही रेंग रही है लगातार अधिवक्ताओ एवं पत्रकारो की हत्याए व हमले बढते जा रहे है जिसपर सरकारे उदासीन बैठी हुई है सरकारो की उदासीनता से यह जाहिर होता है कि कही ऊपर के लोकतंत्र के दोनो स्तम्भो को ध्वस्त करने की गहरी साजिश का हिस्सा तो नही है इस तरह से जो बिल व कानून बनाये जा रहे है ना ही जवानो, किसानो ,अधिवक्ता व पत्रकारो किसी के हित के लिए कोई भी कानून नही लाया गया है यहां तक कि जितने भी कानून बनाये जा रहे है वो सरकार के एकाधिकार के लिए बनाये जा रहे है सरकार लोगो पर एकाधिकार करके लोगो को अपनी ही मनमर्जी से चलाने की ठान रखी है जिसका ज्वलंत उदाहरण एकाधिकृत सेना का निर्माण करना है सरकार की मंशा को पता लगाने की क्षमता आम जनमानस मे न होने का फायदा उठाना चाह रही है जो बुद्धिजीवी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश कर रहे है सरकार उनपर फर्जी मुकदमे थोपकर उनकी आवाज को बंद करा दे रही है चाहे वो लोकतंत्र के तीसर स्तम्भो के हो या फिर चौथे स्तम्भो के हो यदि सरकार इसी तरह से सच और हक की आवाज को दबाती रही तो एक ऐसा जनसैलाब आयेगा फिर सरकार को रास्ता मिलना मुश्किल हो जायेगा इसीलिए हम योगी व मोदी सरकार से आग्रह करते है कि हर कानून जनता के हित के लिए बनाये न कि परेशानी बढाने के लिए