राष्ट्रीय पोषण माह में बच्चो के स्तनपान व महिलाओ , किशोरियों पर दें विशेष ध्यान

सैम व मैम बच्चो की पहचान के लिए करें डिजिटल संवेदीकरण : सीडीओ


किशोरियों को एनीमिया व खान-पान के प्रति करे जागरूक : अभिषेक गोयल


ब्यूरो अंजनी कुमार


रायबरेली । मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल ने शासन द्वारा दिये गये निर्देशो के अनुपालन में राष्ट्रीय पोषण माह सितम्बर 2020 से जुडे हुए अधिकारियों को निर्देश दिये है कि राष्ट्रीय पोषण माह के दिृतीय सप्ताह 14 से 20 सितम्बर में जनपद में सैम व मैम बच्चों की पहचान संदर्भन और प्रबंधन हेतु डिजिटल संवेदीकरण किया जाये। सैम व मैम बच्चों की पहचान के लिए स्क्रीन किये जाने के पश्चात चिकित्सीय जटिलता वाले बच्चों को सीएचसी व पीएचसी पर उपचार किया जाये। उपचारित सैम व मैम बच्चों की गृह स्तरीय देखभाल में आंगबाड़ी कार्यकत्री सक्रिय रूप से कार्य करेंगी। ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस उपकेन्द्र पर एएनएम आंगनबाड़ी कार्यकत्री व आशा के माध्यम से हाथ धुलाई व आर0आर0एस0 विधि बनाने का प्रदर्शन किया जाये। प्रथम सप्ताह के कार्यो के समान पौधारोपण व पोषण वाटिका का कार्य किया जाये तथा गृह भ्रमण के दौरान 6-8 माह के बच्चों में स्तनपान एवं ऊपरी आहार का प्रोत्साहन किया जाये।


मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जनपद परियोजना व ग्राम स्तर पर होने वाली गतिविधियों की प्रचार-प्रसार के लिए प्रधान, जिला पंचायत सदस्यों, सरकारी अधिकारियों , डेवलपमेंट पार्टनर्स और गैर सरकारी संगठनों के सदस्यों के साथ सामुदायिक रेडियो, स्थानीय चैनलों आदि पर चर्चा और टाॅक शो आयोजित किया जाए। स्थानीय स्तर पर पोषण अभियान पर जागरूकता को मजबूत करने के लिए फ्लेक्स पोस्टर, साइनेज और दीवार लेखन का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सितम्बर माह में चलाये जा रहे राष्ट्रीय पोषण माह के लिए आमजनमानस, महिलाओं, किशोरियो आदि को जन आंनदोलन के रूप में जागरूक किया जाये। एसआरएलएम के साथ बैठक में आंगनबाड़ी कार्यकत्री की प्रतिभागिता करते हुए पोषण वाटिका व कुपोषित बच्चों की देखभाल पर विशेष चर्चा की जाये। किशोरियों को एनीमिया की रोकथाम के लिए स्कूल न जाने वाली किशोरियो को नीली आयरन की गोलियों का वितरण, सेवन व स्वास्थ्य एवं पोषण देखभाल पर परमर्श भी दिये जाने के साथ-साथ खान-पान के प्रति जागरूक भी किया जाये। इसी प्रकार तृतीय सप्ताह 21 से 30 सितम्बर पोषण पंचायत स्तर पर पोष स्थिति अर्थात सैम व मैम बच्चों का आकलन परिवार अधारित सहयोग प्लान बनाना, पोषण वाटिक आदि के साथ ही समस्त कार्यवाही जिला कार्यक्रम अधिकारी सामान्जस्य बनाकर सोशल मीडिया आदि पर डालकर प्रचार-प्रसार की करें। चैथा सप्ताह 1-4 निर्धारित कार्यक्रमों में मनाना है तथा सैम व मैम बच्चों की सूचना आदि की प्रारूप पर रिपोर्टिंग भी करें।


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