"निज भाषा उन्नति अहै, सबु उन्नति कै मूल " भारतेन्दु जी की इन पंक्तियों के प्रकाश में हिन्दी दिवस पर 'नन्हें कदम ऊँची उड़ान' समूह की संस्थापिका अभिलाषा विनय ने काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला समन्वयक प्रशिक्षण श्री सूर्य प्रकाश राय जी ने की। मुख्य अतिथि खण्ड शिक्षा अधिकारी वेद प्रकाश गुप्ता रहे, व विशिष्ट अतिथि के रूप में तड़िता छंद के जनक, वरिष्ठ साहित्यकार श्री सच्चिदानन्द तिवारी 'शलभ', लखनऊ, ने कार्यक्रम को सुशोभित किया। जिसमें कविता भटनागर के संचालन में बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों ने अपनी प्रस्तुतियाँ दी।
कुसुम कौशिक (प्रधान अध्यापिका -खोदना खुर्द) "हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान मेरी शान" इन पंक्तियों से कार्यक्रम को हिन्दीमय बना दिया। "जब जब भारतीय भाषाओं को खुले दिल से स्वीकार करने के लिए आवाज सुनाई पड़ती है।"इन पंक्तियों से डॉ सीमा श्रोत्रिय,जूनियर हाईस्कूल हरौला ने हिन्दी की वर्तमान स्थिति को सुन्दरता से दर्शाया। "आज सूर सी हिन्दी की रसधार"से वातावरण को हिन्दीमय बनाते हुए निर्मला त्यागी( सहायक अध्यापिका) कंपोजिट स्कूल लडपुरा, ब्लॉक -दनकौर( गौतम बुध नगर)ने अपनी प्रस्तुति दी। "मैं हिन्दी हूँ ।। मैं सूरदास की दृष्टि बनी तुलसी हित चिन्मय सृष्टि " से कवयित्री आरती कुलश्रेष्ठ ने अत्यन्त सारगर्भित प्रस्तुति दी। "संस्कृत भाषा के कोख से जन्मीं, संस्कारी और साहित्यिक भाषा हिन्दी ।"इन पंक्तियों से अनीता पाठक (जूनियर हाई स्कूल सैक्टर 12 ) से कार्यक्रम को सजीव कर दिया। हिंदी से ही हिन्द है, और हिन्द से ही हिंदी यहाँ, हिंदी ही तो पूरा हिंदुस्तान होना चाहिए," कंचन वर्मा की कलम से निकले ये शब्द सभी को मन्त्रमुग्ध कर गए। "राष्ट्र रूपी प्रांगण में हिन्दी। "इन पंक्तियों से सारगर्भित प्रस्तुतिकरण किया। "हम मात्र भाषा हिंदी को अपना बना रखे सदा त्याग दे उस वाणी को जो छीन ले पहचा यहां"इन पंक्तियों से श्वेता कनौजिया( प्र. अ.) कम्पोजिट स्कूल लडपुरा ने प्रभावकारी प्रस्तुति दी। "प्राण सलिला, वाकसलिला, छंद, लय संगीत धारी। मातृभाषा हृदय झंकृत, वंदना करती तुम्हारी" इस कृति से वरिष्ठ कवयित्री अभिलाषा विनय ने सभी को अभिभूत कर दिया। मेरा गौरव मान है हिंदी, हम सब की पहचान है हिंदी.. से ऋचा त्रिपाठी अतीव मनोहारी प्रस्तुति दी। "हिंदी है हिंदुस्तान की जननी, हिंदी पहचान हमारी है।" बिधु सिंह ए आर पी हिंदी बिसरख ने, "है सुंदर देश यह मेरा, मधुर है इसकी हर भाषा, वतन हिंदुस्तान मेरा, और हिंदी है राष्ट्रभाषा" से दीपशिखा (उच्च प्राथमिक विद्यालय छलेरा) ने मोहक प्रस्तुति दी। कवयित्री रति गुप्ता ने हिन्दी का श्रृंगारमयी प्रस्तुति कर " हाथ की चूड़ी हिन्दी।"इन पंक्तियों से सभी को अभिभूत कर दिया।
आयोजन का समापन जिला समन्वयक श्री सूर्य प्रकाश राय ने सभी काव्य साधकों को "भाषा सारथी" की उपाधि से अलंकृत कर, सम्मान पत्र प्रदान कर किया।