वाराणसी। प्रगति पथ फ़ाउंडेशन द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग के सहयोग से “वाराणसी के हस्तशिल्प उद्योग में काम करने वाली प्रवासी महिला कामगारों के मुद्दे और चुनौतियाँ” पर वेबिनार का आयोजन किया गया गया |
वेबिनार के मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता पद्मश्री डॉ॰ रजनीकान्त जी रहे और विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री सुधीर कुमार सिंह जी, श्री अनिल कुमार जी, श्री अजय कुमार सिंह, मो॰ शमीम एहमद अंसारी और मो॰ मसरूर अहमद रहे तथा वेबिनार की मेड्रेट श्रीमति नीलम पटेल रहीं॰ कार्यक्रम की शुरुआत किशोरी संगठन की दीपा द्वारा सुमधुर सरस्वती वंदना एवं ग्रीन वारीयर्स टीम द्वारा पौधरोपण कर किया गया |
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ॰ रजनीकान्त ने अपने उद्धबोधन में वाराणसी में हैंडीक्राफ्ट के महत्व एवं वर्तमान परिदृश्य पर प्रकाश डालते हुआ कहा कि वाराणसी का हस्तशिल्प ही यहाँ की पहचान है। सरकारी योजनाओं में महिला हस्तशिल्पियों के लिए विशेष प्रावधान नहीं है। हस्तशिल्प के विकास में जीआई पंजीकरण से हस्तकला को वैश्विक पहचान ही नहीं मिली है, बल्कि इससे जुड़े शिल्पियों के हितों की भी रक्षा हुई है। महिलाओं के सामाजिक विकास के लिए आवश्यक है कि उनके आर्थिक विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए।
इसके लिए महिला शिल्पी को मास्टर शिल्पी और महिला उद्यमी बनाना होगा। प्रधानमंत्री के लोकल से वोकल की परिकल्पना महिला हस्तशिल्पियों को आत्मनिर्भर बनाएगी।
विशिष्ट अतिथि अनिल कुमार ने हैंडीक्राफ्ट प्रवासी महिला मजदूरों की समस्या विषय पर बोलते हुये कहा कि हस्तशिल्प उद्योग से जुड़ी अधिकतर महिलाएं असंगठित क्षेत्र से हैं और प्रवासी मजदूरों मे 85% महिलाएं ही हैं। महिलाओं के श्रम का उचित मूल्य नहीं मिलता है और आवश्यक दस्तावेज़ के अभाव में वे अपने अधिकार को प्राप्त कर पाने में असमर्थ होती हैं।
वहीं महिला हस्तशिल्पियों को उचित मजदूरी न मिलना, उनके उत्पादों को उचित दाम न मिलना, प्रशिक्षण का अभाव, बिचौलियों का वर्चस्व, स्वयं का रोजगार शुरू करने में पूंजी का अभाव, जागरूकता का अभाव, उचित बाज़ार का अभाव आदि प्रमुख समस्या हैं। इन सभी समस्याओं के समाधान पर ही महिला हस्तशिल्पियों के स्थिति में सुधार लाया जा सकता है।
विशिष्ट अतिथि सुधीर कुमार सिंह ने हस्तशिल्प के विकास में संगठन की भूमिका एवं सरकारी योजनाएँ पर प्रकाश डालते हुये कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करें तो महिलाओं के खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार गारंटी आदि पर समान रूप से प्रयास करना होगा, इसके लिए सही मायने में संगठन की भूमिका महत्वपूर्ण है। महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों और सीबीओ के माध्यम से कई सरकारी योजनाओं से जोड़कर उनके समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
विशिष्ट अतिथि अजय कुमार सिंह ने हैंडीक्राफ्ट के विकास में ऑनलाइन मार्केटिंग की संभावना पर अपना विचार व्यक्त करते हुये कहा कि महिला हस्तशिल्पियों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने, उचित मजदूरी और बाज़ार तक पहुँच बनाने के लिए आवश्यक है कि बिचौलियों की भूमिका समाप्त करना होगा, इसके लिए ऑनलाइन मार्केटिंग की का माध्यम सबसे अच्छा है।
वेबिनार में वक्ताओं के शंकाओं का समाधान किया।
वेबिनार का संचालन संस्था की महासचिव नीलम पटेल और धन्यवाद ज्ञापन मंजु गौतम ने किया। दीपक पुजारी, आदित्य श्रीवास्तव, अभिषेक सिंह, दीपा, वैष्णवी माथुर, कमलिनी श्रीवास्तव, एकता श्रीवास्तव ने सहयोग किया।
कुल 58 सहभागियों में प्रमुख रूप से डॉ॰ राजेश श्रीवास्तव, डॉ॰ शरद श्रीवास्तव, श्री संजीव शर्मा, श्री सचिन श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
संतोष सिंह