हिंदुस्तान के रहने वालों ,
हिंदी से तुम प्यार करो ।
ये पहचान है मां भारत की,
हिंदी का सत्कार करो ।
हिंदी के विद्वानों ने तो ,
परचम जग में फहराए।
संस्कार के सारे पन्ने,
हिंदी से ही हैं पाए ।
देवनागरी लिपि में अपनी,
छुपा हुआ अपनापन है ।
अपनी प्यारी भाषा हिंदी,
भारत मां का दरपन है ।
हिंदुस्तानी होकर तुमने ,
यदि इसका अपमान किया ।
तो फिर समझो भारत वालों ,
खुद का ही नुकसान किया।
हिंदुस्तान के रहने वालों,
हिंदी से तुम प्यार करो ।
यह पहचान है माँ भारत की ,
हिंदी का सत्कार करो ।
सुषमा दीक्षित शुक्ला