हिंदुस्तान का आधार है हिंदी,
हम सबकी शान है हिंदी।
जाने क्यों अब लोग,
हिंदी में लिखने में शर्माते हैं।
अंग्रेजी में लिखकर,
होशियार कहलाते हैं।
मानते हैं हम,
कि आज प्रतिस्पर्धा का जमाना है।
अंग्रेजी के साथ साथ,
अपनी हिंदी को भी अपनाना है।
जो लोग फोन में,
बोलकर हिंदी लिखते हैं।
उनके शब्दों में हम,
बहुत सी त्रुटियां देखते हैं।
क्या वो लिखने के बाद,
अपनी हिंदी पढ़ते नहीं।
या उन्हें हिंदी का,
शायद संपूर्ण ज्ञान नहीं।
आज हिंदी दिवस पर मैं यह कहती हूं,
कि मैं हिंदुस्तानी हूं हिंदी में पढ़ती लिखती हूं।
मुझे अफसोस नहीं ,
कि मुझे ज्यादा अंग्रेजी का ज्ञान नहीं।
किंतु मैं अपनी मातृभाषा हिंदी,
के प्रति बिल्कुल भी अज्ञान नहीं।
स्वरचित
एकता शर्मा