हिंदी दिवस

 


हिंदी दिवस के आने पर ही याद आती है हिंदी।


 


हर दिन अपने ही घर में सिसकती रहती है हिंदी।


 


यह तो भारत माता के माथे की है बिंदी।


अंग्रेजी वाली आंटी ने इसको बेघर कर दी।


 


अपनी मां को भूलकर सब ,आंटी की आदर करते हैं।


 


बड़े गर्व से भारत वासी हिंदी दिवस मनाते हैं।


 


अपने मां बाप को वृद्धाश्रम रख आते हैं,


फादर्स डे और मदर्स डे पर उनको भी याद करते हैं।


इसी तरह हम भारत वासी हिंदी दिवस मनाते हैं,


गर्व करते हैं हिन्दी पर अंग्रेजी में गाते हैं।


 


अंग्रेजी ही भाति सबको, और हिंदी शर्माती है।


हिन्दी अब शर्माती है, शर्माती सकुचाती है।🙏


 


      ‌ आशा सिंह मोतिहारी


 


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