ब्यूरो रिपोर्ट-अंबेडकर नगर
अम्बेडकरनगर। जिले के मार्केटिंग डिपार्टमेन्ट और कोटेदारों में एक लम्बे अर्से से घटतौली को लेकर आपसी तनाजा देखा जा रहा है। बीच-बीच में गेहूँ, चावल जैसे 50 किलोग्राम वजन वाली बोरियों में कम से कम 5 से 7 किलो तक खाद्यान्न कम दिये जाने की शिकायतें कोटेदारों द्वारा की जाती रही हैं। इसके बावजूद सम्बन्धित विभागीय अधिकारी और स्थानीय प्रशासन द्वारा इसे कभी गम्भीरता से नहीं लिया गया। परिणाम यह रहा कि सरकारी खाद्यान्न गोदामों के प्रभारी, विपणन सहायक और अन्य कर्मचारियों का मनोबल बढ़ता रहा।
ये लोग 50 किलोग्राम वजन वाली बोरियों में से 5 से 7 किलो अन्न निकालकर बाजारों में बेंचने की पारम्परिक आदत नहीं छोड़ पाये और कोटेदारों को गिनती के रूप में बोरियों की संख्या बताकर वांछित/अपेक्षित खाद्यान्न देते रहे। विरोध करने वाले कोटेदारों को अपने तरीके से समझा-बुझा कर मार्केटिंग डिपार्टमेन्ट के जिम्मेदार, ओहदेदारों द्वारा चुप कराया जाता रहा। परन्तु कहते हैं कि जब किसी भी चीज की अति होने पर स्थिति विस्फोटक हो जाती है।
इसी तरह अम्बेडकरनगर जनपद के ब्लाक बसखारी में एक मामले ने तूल पकड़ लिया। जिसमें मार्केटिंग डिपार्टमेन्ट के रवैय्ये से तंग आकर क्षेत्र के कोटेदारों ने घटतौली को लेकर किछौछा स्थित सरकारी खाद्यान्न गोदाम पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। धरनारत कोटेदारों का आरोप है कि किछौछा स्थित सरकारी गोदाम पर उन्हें वजन में कम रसद (खाद्यान्न) दिया जाता है। गोदाम प्रभारी/विपणन सहायक द्वारा बगैर तौल किये सिर्फ बोरे की गिनती कराकर खाद्यान्न दिया जाता है।
प्रति बोरा (50 किलो) 5 से 7 किलो तक कम खाद्यान्न दिया जाता है। इस घटतौली के अलावा किछौछा सरकारी खाद्यान्न गोदाम पर कार्यरत मार्केटिंग डिपार्टमेन्ट के ओहदेदारों द्वारा उठान के समय पल्लेदारी भी नहीं दी जाती है। शिकायतकर्ता कोटेदारों ने आरोप लगाया है कि किछौछा सरकारी गोदाम प्रभारी द्वारा तरह-तरह से उनका आर्थिक शोषण किया जाता है। रसद कम मिलने पर वह लोग कार्ड धारकों को पूरे वजन का राशन दे पाने में असमर्थ रहते हैं। गोदाम प्रभारी के इस रवैय्ये से पूरा खामियाजा कोटेदारों को भुगतना पड़ता है। किछौछा स्थित सरकारी खाद्यान्न गोदाम के सामने शुक्रवार 18 सितम्बर 2020 को आक्रोशित दर्जनों कोटेदारों ने धरना-प्रदर्शन कर घटतौली समाप्त करने एवं पल्लेदारी दिये जाने की मांग किया।
धरनारत कोटेदारों ने आरोप लगाया है कि- बसखारी गोदाम पर किसी भी उचित दर विक्रेता को बोरी का सही वजन नहीं दिया जाता। नवनियुक्त ठेकेदार द्वारा कोटेदारों से पल्लेदारी की मांग की जाती है, और कोटेदारों से ही जबरिया पल्लेदारी वसूली जाती है। बसखारी ब्लाक क्षेत्र के कोटेदारों द्वारा आरोप लगाया गया है कि गोदाम प्रभारी और उनके सहयोगी सहकर्मियों तथा ठेकेदार द्वारा पूरे वजन का खाद्यान्न गोदाम से ट्रालियों पर लदवा दिया जाता है परन्तु गोदाम से दूर बीच रास्ते में उतरवा लिया जाता है। जिससे कोटेदारों की दुकान तक पूरा खाद्यान्न नहीं पहुँच पाता।
कोटेदारों की शिकायत है कि अधिकांश बोरियों में गेहूँ और चावल का मिश्रण और उसमें मिट्टी व कूड़ा-करकट दिया जाता है। जब इसकी शिकायत मार्केटिंग इंस्पेक्टर से की जाती है तो वह इसे गम्भीरता से नहीं लेते हैं। इसके अलावा बोरियों में शुद्ध खाद्यान्न की जगह सड़ा-गला खाद्यान्न कोटेदारों को दिया जाता है, जिसे कार्ड धारकों को वितरित ही नहीं किया जा सकता। ऐसे में कोटेदार राशन कार्ड धारकों को पूरे वजन का शुद्ध राशन कैसे दें यह समस्या उनके समक्ष उत्पन्न हो जाती है।
बसखारी के किछौछा स्थित सरकारी खाद्यान्न गोदाम पर धरनारत कोटेदारों की समस्याओं के बावत जब हमने विपणन निरीक्षक विजय बहादुर सिंह से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने फोन ही नहीं रिसीव किया। इसी तरह एस.डी.एम. टाण्डा अभिषेक पाठक का सी.यू.जी. नम्बर भी नहीं उठा। धरनारत कोटेदारों और उनके सहयोगियों में आशाराम, शाहिदा खातून, पंकज, अखिलेश, सन्तोष कुमार, विनोद, पंकज वर्मा, दिनेश कुमार, कौशल किशोर सिंह, दिलीप कुमार, सन्तराम एवं क्षेत्र के अन्य कोटेदार शामिल रहे।