दोहे-


नर तन ईश्वर का दिया ,सर्वश्रेष्ठ उपहार।


अधिकाधिक इससे करें,जीवन में उपकार।।1


 


मानवता हित कीजिए,सभी रक्त का दान।


लोगों का जीवन बचे ,और मिले सम्मान।।2


 


अफवाहों को सुन कभी,करो न कोई शोर।


रक्तदान से तन नहीं, होता है कमज़ोर।।3


 


जब अस्वस्थ हों तो नहीं,करें रक्त का दान।


परामर्श देते यही,सबको गुणी सुजान।।4


 


देकर अपने रक्त को ,जो लेते है दाम।


नहीं मनुजता में गिना ,जाता उनका काम।।5


 


हो हर जनपद राज्य में,रक्त बैंक निर्माण।


तभी जरूरतमंद के ,बच पाएँगे प्राण।।6


                  डाॅ बिपिन पाण्डेय


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