शिवबालक गौतम
मोहनलालगंज लखनऊ भारतीय किसान यूनियन (अरा )टिकैत गुट ने किसान विरोधी केंद्र सरकार द्वारा बिल पारित करने का पुरजोर विरोध करते हुए तहसील में धरना प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री के लिए उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा की किसान विरोधी बिल वापस लिया जाए मोहनलालगंज तहसील परिसर में भारतीय किसान यूनियन( अरा) टिकैत गुट द्वारा धरना प्रदर्शन कर भारत सरकार द्वारा पारित किसान विरोधी बिल वापस लेने के लिए किसानों का प्रदर्शन पूरे देश में बढ़ता जा रहा है। किसानों का आरोप है कि एक देश एक बाजार की संज्ञा देकर किसानों के साथ ठगी की जा रही है भारतीय किसान यूनियन कृषि क्षेत्र को कंपनी राज के रूप में देखते हुए इसका पुरजोर विरोध कर रही है जबकि इसके विरोध प्रदर्शन में कई राज्य सड़कों पर आ गए हैं कि किसान बंधुआ मजदूर नहीं है कृषि में कानून नियंत्रण ,मुक्त विपणन, भंडारा ,आयात निर्यात किसान हित में नहीं है। इसका खामियाजा देश के किसान विश्व व्यापार संगठन के रूप में भुगत चुके हैं जिसका उदाहरण देश में वर्ष 1943_ 44 के दौरान पश्चिम बंगाल में सूखा पड़ने पर ईस्ट इंडिया कंपनी ने अनाज भंडारण कर रखे थे लेकिन जनता को अनाज नहीं दिया गया जिसके कारण 40 लाख जनता भूख से तड़प तड़प कर मर गई थी। वही राज भारतीय जनता पार्टी सरकार लागू करना चाह रही है इसे तुरंत वापस लिया जाए नहीं तो आगे भी लड़ाई के लिए किसान तैयार है। कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य , को बिचौलियों कंपनी के द्वारा किया जा रहा शोषण बंद किया जाए ।इस मौके पर प्रदर्शन करते हुए भा कि यू के तहसील अध्यक्ष राजेश रावत ने कहा कि किसान सशक्तिकरण और संरक्षा कृषि सेवा पर करार अध्यादेश कृषि व्यापार और वाणिज्य का सरलीकरण, आवश्यक वस्तु अधिनियम संशोधन आदि बिल का हम सभी विरोध कर रहे हैं, जिसमें किसानों ने कहा कि ऐसा अध्यादेश लागू किया जाए जिससे कि किसानों का समर्थन मूल्य (फल सब्जी) के लिए कानून बनाए जो कि समर्थन मूल्य से कम पर खरीद अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाए। धरना प्रदर्शन के दौरान राजेश रावत ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी किशुक श्रीवास्तव को सौंपा गया।
भा कि यू ने तहसील में धरना प्रदर्शन कर, एस डी एम को सौंपा ज्ञापन