शिवम त्रिवेदी
बहराइच। ढपालीपुरवा स्थित महसी के पूर्व विधायक के कार्यालय पर शनिवार को सपा छात्रसभा की बैठक हुई। बैठक में दलित आदिवासी छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में मिल रहे निशुल्क प्रवेश पर रोक लगाने को लेकर सभी ने सरकार के कृत्यों की निंदा की। इसके साथ ही प्रदेश की जनविरोधी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुये सभा के निर्वतमान जिलाध्यक्ष नंदेश्वरनंद यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में हो रही हत्याओं व कोरोना के नाम पर घोटाला करने का कीर्तिमान स्थापित करने के बाद अब दलित विरोधी कार्य करने का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि दलित आदिवासी छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में मिल रहे प्रवेश पर भाजपा सरकार ने रोक लगा दी गई।सरकार के निर्णय से यह साफ हो गया है कि प्रदेश की भाजपा सरकार पूरी तरह दलित विरोधी है। सरकार में लगातार दलितों, पिछड़ों के हक को छीना जा रहा है। लेकिन समाजवादी सरकार के मंसूबों को कतई सफल नही होने देंगे। इसके लिए सभी को आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए अभी से तैयार हो जाना होगा।
पूर्व जिपं सदस्य आनंद यादव ने कहा कि पिछड़ों व दलितों की बदौलत सत्ता हथियाने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार अब उन्हीं का हक छीनने में जुट गई है। सरकार की दोहरी नीति से सभी को सबक लेने आवश्यकता है। जिपं सदस्य ने कहा कि कोरोना की महामारी में अधिकारी व सत्ताधारी नेता खुलेआम सरकारी धन की लूट मचाये हुए हैं। ईमानदारी का ढिंढोरा पिटने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री सब कुछ जानकर भी मौन धारण किये हुए हैं। महामारी के बीच प्रदेश की जनता परेशान है। बैठक के दौरान सभी ने सरकार के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करते हुये आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को जड़ से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया। इस मौके पर नरेंद्र कुमार गुप्ता, पप्पू यादव, चौधरी वीरेंद्र बाल्मीकि, महेंद्र स्वरूप पासवान, शंकर दयाल तिवारी, मिश्रीलाल यादव, ग्वाल पांडेय, बाबूराम आदि मौजूद रहे।