संवाददाता राहुल जायसवाल
*अयोध्या। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘नई अयोध्या’ का फाइनल खाका आवास विकास परिषद ने खींच लिया है। नई अयोध्या 740 एकड़ भूमि पर त्रेता युग की थीम पर दिव्यमान दिखेगी। विभाग ने कुछ इसी तरह की डिजाइन तैयार की है। इस महत्वपूर्ण योजना को आवास विकास परिषद 22 सितंबर को होने वाली बोर्ड की बैठक में प्रस्तुत करेगा, जहां उसे मंजूरी मिलना तय है। इसके बाद भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
नई अयोध्या में राज्य सरकारों के अतिथि गृह, विभिन्न देशों के अतिथि गृह, प्रतिष्ठित मठ-मंदिरों की धर्मशालाएं, अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय उद्यमी समूहों को व्यवसाय के लिए स्थापित किया जाएगा। अब तक जो प्रस्ताव है, उसमें अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय 30 अतिथि गृह व 30 लग्जरी होटल खोलने की बात सामने आई है। साथ ही योजना का दायरा निर्धारित लोगों या समूहों की मांग के अनुसार बढ़ाया भी जा सकता है। अगर मांग बढ़ती है तो निकट भविष्य में ये पूर्व की अयोध्या विकास प्राधिकरण की प्रस्तावित नव्य अयोध्या की जगह पर विस्तारित की जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से राममंदिर के हक में फैसला देने के बाद एक नई अयोध्या बसाने की कवायद चल रही है। ये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना भी कही जा रही। इसकी कार्य योजना आवास विकास परिषद बना चुका है। इसके लिए अयोध्या स्थित गोरखपुर-लखनऊ हाईवे से सटी ग्राम सभा मांझा शाहनवाजपुर, मांझा बरहटा व मांझा तिहुरा की 740 एकड़ भूमि चिह्नित की गई है।
आवास विकास परिषद की ओर से गठित एक पांच सदस्यीय टीम भूमि का निरीक्षण व बैठक कर आला अफसरों को अपनी रिपोर्ट दे चुकी है। मुख्यमंत्री के सामने प्रेजेंटेशन हो चुका है। मुख्यमंत्री की ओर से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। अब इस योजना को अमली जामा पहनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसके लिए आवास विकास परिषद ने 22 सितंबर को बोर्ड की बैठक बुला ली है।
बैठक में मंजूरी के बाद अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू की जाएगी। योजना अयोध्या आने वाले श्रद्धालु व पर्यटकों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इसमें देश के 25 राज्यों व विदेशों के पांच अतिथिगृह बनाए जा सकेंगे। इसमें प्रतिष्ठित मठ- मंदिर, ट्रस्टों व स्वयं सहायता समूहों की धर्मशालाएं व उद्यमी समूहों के होटल, माल, शॉपिंग कांप्लेक्स, पेट्रोल पंप सहित अन्य व्यावसायिक कार्य किए जा सकेंगे।
होटलों में 5 पांच सितारा, 10 तीन सितारा व 15 लग्जरी होटलों को शामिल किया गया है। अब तक अधिग्रहित किये जाने वाले स्थान के लिए 40 प्रतिशत की डिमांड आई है। अभी बड़ी संख्या पर स्थान रिक्त हैं। आने वाले 6 माह में सभी स्थान भर जाने की संभावना है। इसके लिए भी आवास विकास ने तैयारी कर रखी है।
योजना का दायरा बढ़ाने का भी प्रस्ताव डिमांड के बढ़ जाने पर योजना को अयोध्या विकास प्राधिकरण की पूर्व में प्रस्तावित योजना नव्य अयोध्या के स्थान जयसिंहमऊ तक विस्तारित किया जा सकता है। योजना को आवास विकास की बैठक में मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है।
आवास विकास परिषद की ओर से प्रस्तावित नई अयोध्या को त्रेता युग की थीम पर विकसित किया गया है। इसके मुख्य द्वार रामायणकालीन शैलियों व कलाओं से युक्त होंगे। इसके लिए बड़ा व भव्य द्वार बनाया जाएगा।
इसके इसके एक ओर सरयू तो दूसरी ओर सीधे भगवान राम का बना मंदिर दिखाई देगा। इसके लिए इसको धनुषाकार डिजाइन दिया गया है। इस सबके साथ अंदर के इलाके त्रेतायुगीन कला, संस्कृति एवं वास्तु का नायाब नमूना पेश करते नजर आएंगे।
आवास विकास परिषद की ओर से बनाई जाने वाली से नई अयोध्या आधुनिकता के साथ पर्यावरणीय संतुलन की अनूठी मिसाल पेश करेगी। इसमें 20-20 मीटर चौड़े मार्ग होने के साथ पर्यावरण संतुलन के लिए बड़ी संख्या में पेड़ लगाएं जाएंगे।
पूरी योजना में 30 प्रतिशत से अधिक भाग सिर्फ हरियाली के लिए आरक्षित रहेगा। इसके अलावा पार्किंग की भी व्यापक सुविधा रहेगी। इस सब के साथ पर्यटक सुविधाओं व सुरक्षा का भी पूर्ण इंतजाम रहेगा।
अयोध्या में लखनऊ-गोरखपुर हाईवे पर स्थित मांझा बरहटा, मांझा शाहनवजपुर व मांझा तिहुरा की 740 एकड़ भूमि पर अधिग्रहण कर नई अयोध्या के लिए विकसित की जाएगी। इसमें विदेशों व राज्यों के अतिथि गृह, अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय विदेशी उद्यमी समूहों के लिए को व्यवसायिक स्थान व मठ-मंदिरों के लिए व ट्रस्टों की धर्मशालाओं को सहित अन्य को स्थान दिया जाएगा। डिमांड बढ़ने पर योजना का विस्तार भी किया जाएगा।