हरा रंग, हरी पत्तियां, चारों तरफ आई हरियाली
प्रकृति की देख ऐसी सुंदरता,मन में छाई खुशहाली
नीले आकाश में बादल छाया है
फिर महीनों बाद सावन आया है!
कलिया फूल बनने को व्याकुल है
बीज पौधे बनने को व्याकुल है
प्रेमी प्रेमिका से मिलने को व्याकुल है
मिट्टी गीली होने को व्याकुल है
और मौसम सावन लाने को व्याकुल है
सावन में ही तो झूलन है
झूलन ही तो मनभावन है
मनभावन ही तो हरि दर्पण है
हरि दर्पण ही तो जीवन है
जीवन ही तो सावन है
कोलकाता