जमुई से प्रशान्त किशोर
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जमुई के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय कचहरी चोक के समीप बिहार सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए एक बार पुणः "बज गया ढोल, बिहार सरकार का खुल गया पोल" नामक कार्यक्रम से आन्दोलन का आगाज किया।
कार्यक्रम का नेतृत्व परिषद के नगर सह् मंत्री सत्यम सिंह तथा करण साह संयुक्त रूप से कर रहे थे।
वहीं बिहार सरकार की शिक्षा विरोधी नीतीयों पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए संगठन के विभाग संयोजक शैलेश भारद्वाज ने ढोल बजाकर वहाँ मौजूद कार्यकर्ताओं को सरकार की छात्र विरोधी गतिविधियों से अवगत करवाया।कुमार शानु ने कहा कि, बिहार सरकार के विरोध में 23 मई से परिषद का चरणबद्ध आंदोलन चलता आ रहा है। हमारा प्रयास रहा है, सरकार के बंद पड़े कानों में निश्पक्षता की आवाज पहुंचे ताकि वह छात्र युवाओं के हित में निर्णय ले सके। कोविंड 19 की भयंकर महामारी का बहाना लेकर बिहार सरकार ने चोरी-छिपे STET की परीक्षा को रद्द कर छात्रों के रोजगार से जुड़ने के विकल्प को ही बंद कर दिया। इतना ही नहीं इस अहंकारी सरकार को अब बिहार के नौनिहाल छात्रों के भविष्य की भी चिंता नहीं रही है।
प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कुंदन यादव, और राहुल सिंह ने कहा कि आज छात्रों की समस्यायों से भले सत्ताधारी सरकार, विपक्ष के नेता और सत्ता की लोभ में कुरमुत्ते की तरह उत्पन्न हुए छात्र संगठन चुप्पी साध बैठे है परंतु हम परिषद् के कार्यकर्ता इस महामारी के समय में भी अपने सेवा कार्य करते हुए एक सजग प्रहरी की तरह सोसल डिस्टेंस का पालन करते हुए आंदोलन का आगाज कर चरणबद्ध आंदोलन करते आ रहे हैं। जबतक सरकार निजी स्कूलों के तीन माह की शुल्क माँफ नही करती है, बिहार के युवा छात्र-छात्राओं के रूम रेन्ट व छात्रावास शुल्क माँफ नही करती है, हमारा आन्दोलन इसी प्रकार से चलता रहेगा। गुलाब सिंह तथा आंदोलन प्रमुख मिथुन साह ने संयुक्त रूप से कहा कि, सरकार द्वारा STET की परीक्षा पुणः लेने की पहल का परिषद् स्वागत तो करती है परन्तु पुनः संभावित भ्रष्टाचार की संभावनाओं का विरोध भी करती है। बिहार सरकार जिस बेल्ट्राॅन कम्पनी के माध्यम से तीन माह के अंदर परीक्षा लेने की घोषणा कर रही है उस कम्पनी के खिलाफ दर्जनों भ्रष्टाचार के मामले हाई कोर्ट में दर्ज हैं।छात्र नेता पप्पू यादव तथा सुधांशु सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि, आज बिहार के अंदर प्रत्येक विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, विद्यालय, छात्रावास आदि सभी किसी न किसी समस्याया से घिरे हुए हैं। छात्र त्राहिमाम कर रहे हैं, अभिभावक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। इस परिस्थिति में आखिर सरकार मौन क्यों हैं ? क्या सरकार पुणः युवाओं को भटकाकर, गुमराहकर एक बार फिर सत्ता हथियाना चाहती है ?
इसी प्रकार हम अभाविप विभिन्न तरीकों से आंदोलन करते हुए सरकार को "छात्र हित" एवं "रोजगार" पर उचित निर्णय लेने के लिए बाध्य करेंगे। साथ ही साथ इन चरणबद्ध आंदोलनों में हम सभी कोविड-19 से जुड़े सभी प्रोटोकॉल एवं शारीरिक दूरी का पालन करते हुए छात्रों व समाज के युवा वर्ग की आवाज़ को बुलंद करते रहेंगे। इस मौके पर कुमोद सिंह, रोशन कुमार, केशव कुमार, रतन सिंह, लाल बाबू, आंनद सिंह, प्रवीण कुमार, युवराज कुमार सहित दर्जनों सदस्य उपस्थित थे ।।