एक दिन मंजिल मिल जाएगी


हौसलें  कभी  भी ना हो पस्त
चाहे  दिनकर  जाए  हो अस्त


चिता सी चिन्ताएँ भी त्यागिए
मस्ती में तुम  रहो सदैव मस्त


अर्जुन सा सदा लक्ष्य मीन पर
हो  जाओ  निशाने  पर परस्त


विजय  को ही मन में धार लो
कारज  सारे  कर सदैव  हस्त


विफलताओं का करो सामना
सफलताएँ  मिलेंगी जबरदस्त


पराजय  से कभी न घबराओ
ख्वाब नजर  आएंगे मदमस्त


एक दिन मंजिल मिल जाएगी
राह  में   लगाते  रहना   गश्त


सुखविन्द्र एकाग्रता का खेल
समस्याएं  हो जाएंगी निरस्त
**********************


सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)


Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
सफेद दूब-
Image
आपका जन्म किस गण में हुआ है और आपके पास कौनसी शक्तियां मौजूद हैं
Image
भोजपुरी भाषा अउर साहित्य के मनीषि बिमलेन्दु पाण्डेय जी के जन्मदिन के बहुते बधाई अउर शुभकामना
Image