रोज सुबह जल्दी उठ जाओ
धोकर मुहँ तुम योग में जाओ
स्वस्थ शरीर अगर है बनाना
तो मत भूलो योग में जाना
अब करना है निस दिन योग
तभी बनेगी शरीर निरोग
रोगी होकर क्या कर लोगे
योगी होकर मंजिल छू लोगे
अवा दवा अब छोड़ों तुम
योग तरफ मुहँ मोड़ो तुम
बीमारी से दूर रहो अब
योग में जाएँ उनसे कहो अब
योग हमें सत्कर्म सिखाता
योग हमें सन्मार्ग दिखाता
योग से तन खिल जाते हैं
योग से प्रभु मिल जाते हैं
मत भूलो ऐ देश के लाल
तुम हो सारे रोग के काल
योग का दीप जलाओ तुम
सुख व चैन ले आओ तुम
- अनूप प्रतापगढ़ी