योग भारत के प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है : डॉ अशोक कुमार सिंह
मीर शहनवाज
दरभंगा। रविवार को 6वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार राष्ट्रीय सेवा योजना क्षेत्रीय निदेशालय पटना एवं ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी के निर्देशानुसार कुंवर सिंह महाविद्यालय लहेरियासराय दरभंगा के सभी शिक्षक, कर्मचारी - घर पर योग, परिवार के साथ योग- कार्यक्रम में अपने अपने घरों से भाग लेकर इसे सफल बनाया। प्रधानाचार्य डॉ मोहम्मद रहमतुल्लाह ने अपने संदेश में कहा योग भारत के प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है।हमारी बदलती जीवन शैली में यह चेतना बनकर हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार इसको अपनाने की अपील सभी देशवासियों से कर रहें हैं। वैश्विक महामारी कोविड-19 से निपटने के लिए योग अति आवश्यक बन गया है। योग के द्वारा ही शारीरिक क्षमता का विकास होता है। *करें योग, रहे निरोग* इसी मंत्र के साथ लोगों को योग कार्यक्रम में भाग लेना चाहिए।राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने कहा महर्षि पतंजलि जिन्हें आधुनिक योग के पिता के रूप में माना जाता है, वही पहले व्यक्ति थे जिन्होंने उस समय के अभ्यासो को अपने योग सूत्र के आधार पर सुव्यवस्थित एवं सभ्यतावध्द किया। बाद में इस विद्या को अनेक योग गुरु ने संरक्षण एवं विकास के साथ योगाभ्यास को फैलाया। आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दुनिया के हर देशों में मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस को सफल बनाने के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना की भूमिका अग्रणी होती है। कोविड-19 से लड़ने के लिए योग अति आवश्यक है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कुंवर सिंह महाविद्यालय के शिक्षक कर्मचारी ने बड़े उत्साह के साथ इस योगा कार्यक्रम में अपने घर से भाग लिया। इस कार्यक्रम में शिक्षक संघ के सचिव डॉ राम अवतार प्रसाद, डॉ राकेश रंजन सिन्हा, डॉक्टर मधुश्री, डॉ रश्मि सिखा, डॉक्टर गुंजन कुमारी, डॉक्टर चंदन पोद्दार, डॉक्टर रामप्रीत दास, डॉक्टर शालवी कुंवारी सहित अन्य शिक्षक कर्मचारीयों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर बड़े उत्साह के साथ भाग लेते हुए इसे सफल बनाया।