मिलने आऊँगी

 


 


 


 


"


एक दिवस मिलने आऊँगी
अपने द्वार खड़े तुम मिलना


1)मुझे पता है तुमने अपने
पलक पाँवड़े बिछा रखे हैं
मेरे सँग जीने के सपने
अंतर्मन में सजा रखे हैं
अपनी आँखों में ऐसा हीं
लेकर प्यार खड़े तुम मिलना
एक दिवस मिलने आऊँगी
अपने द्वार खड़े तुम मिलना


2)सारी उम्र तुम्हारी होकर
रही तुम्हारी और   रहूँगी
तुम सागर हो मैं नदिया हूँ
धार तुम्हारी  दिशा बहूँगी
जब भी मिलन कामना भेजूँ
कर स्वीकार खड़े तुम मिलना
एक दिवस मिलने आऊँगी
अपने द्वार खड़े तुम मिलना


एक दिवस मिलने आऊँगी
अपने द्वार खड़े तुम मिलना।"
           💐💐
डॉ मधुबाला सिन्हा
मोतिहारी,पूर्वी चम्पारण
'विश्व साहित्य सेवा संस्थान,अंतरराष्ट्रीय सचिव'
9470235816


Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
सफेद दूब-
Image
आपका जन्म किस गण में हुआ है और आपके पास कौनसी शक्तियां मौजूद हैं
Image
भोजपुरी भाषा अउर साहित्य के मनीषि बिमलेन्दु पाण्डेय जी के जन्मदिन के बहुते बधाई अउर शुभकामना
Image