डा. बिपिन कुमार पाण्डेय
डरो नहीं आगे बढ़ो,मंजिल होगी पास।
मंत्र सफलता का यही,जीवन में है खास।।1
गौ माता की कीजिए,नित सेवा अविराम।
कहते ज्ञानी संत जन,बनते बिगड़े काम।।2
यश वैभव की लालसा,करवाती हर कार्य।
पर जीवन में ये नहीं ,होते अति अनिवार्य।।3
मन नादानी कर रहा,करे न प्रभु का ध्यान।
माया में रहता भ्रमित,आ पहुँचा अवसान।।4
जनता के दुख-दर्द को,नेता सकें न जान।
बैठे - बैठे कर रहे,ज़ारी सब फरमान।।5
मन में जिनके खोट वे,बोलें मधुरिम बोल।
नर तन में शैतान बन ,रहे धरा पर डोल।।6
तन का तो सौंदर्य बस,रहता है दिन चार।
प्रेम गुणों से कीजिए ,छाई रहे बहार।।7
नदी, ताल सूखे सभी ,सूर्य देव हैं क्रुद्ध।
भीषण गर्मी से लड़े ,आम आदमी युद्ध।।8
सुदृढ़ बनेगी ज़िन्दगी,करिए आत्म सुधार।
नींव बिना होता नहीं, कभी भवन तैयार।।9
तन में आती ताज़गी ,करके शाकाहार।
चित्त बुद्धि निर्मल बनें,मिटते सभी विकार।।10