उम्र भर दर्द का एहसास बङा होता है।
दर्द ओढ़े क़फन में ख़ास बङा होता है।।
दर्दे हालात से गुज़र कर देखो तो ज़रा।
दर्द को दर्द से आराम बङा होता है।।
झुकता है सर ये दर को समझ कर कावा।
जिस जगह तेरे कदमों का निशां होता है।।
बक़्त खुद व खुद सिखाता है जीना कैसे ।
रंजोग़म कितने भी आ जाये क्या होता है।।
और मत पूछो अब दर्द के हालात मुझसे।
एक जगह हो तो बता दूं कि यहां होता है।।
पुष्प लता राठौर