आईं पहिले नमन करीं जा,
सब सपूत सब लाल के।
हो शहीद नाकाम क देहलन
जे चिनियन के चाल के।।
पूरा भारत उबल रहल बा,
देश में बा आक्रोश।
अबकी भारत ना छोड़ी,
उनका के करी बेहोश।।
हिंदी चीनी भाई भाई,
कबो रहे ई नारा।
ई भाई बड़ घटिया निकलल,
ई निकलल हत्यारा।।
हमनी के बा भइल शहादत,
मन में बाटे घाव।
उनका अबकि पता चलि जाई,
आटा दाल के भाव।।
एकरा से खुश केहू नइखे,
जेतना बाड़े पड़ोसी।
केहू ना कहे नीमन हवे,
कहे एकरे के दोषी।।
आईं हमनी भारतवासी,
एक सूत्र में रहीं।
देश के खातिर तन-मन-धन बा,
एक दोसरा से कहीं।।
राजनीति मत होखो एपर,
एकजुटता दिखलायीं।
रहीं सदा सरकार के साथे,
खुल के सामने आईं।।
जय हिन्द!जय भारत!
@अखिलेश्वर मिश्र
दगाबाज पड़ोसी