सत्य

सत्य  वही    है  जिसका   अस्तित्व,
अमिट  -  शाश्वत    हो  जीवनपर्यंत,
ईश्वर-  जीव- प्रकृति- काल है  सत्य,
जिसका  कभी  कहाँ  है  कोई  अंत,
जिसका  कभी कहाँ   है   कोई अंत,
है     चिरस्थायी     नित्य   -  निरंतर,
कहते 'कमलाकर' हैं जन्म -मरण तो,
सत्य   सदा   है   अटल - अभ्यंतर।।


     कवि कमलाकर त्रिपाठी.


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