मन में राम राज्य ( छंद मुक्त)

 



मन के दशरथ को संभाल ले !
दिख जाए जिस दिन सफेदी ठान ले !
तन के दशरथ की लगाम बांध लें !
यज्ञ करके इच्छाओं का जोग साध ले!
ज्ञान और कर्म के साथ मिला के मन,
सौंप दे स्वयं को दशरथ गुरु चरन!
राम आएंगे सफल हो जाओगे !
समय से यदि सुफल हो पाओगे!
यदि कल पर फिर कुछ टाल दोगे !
बनवास फिर चौदह साल लोगे !
फिर  वियोग में राम के जाना होगा!
ना जाने फिर कब यहां आना होगा !
समय पर सौंप सत्ता राम को दशरथ ,
ऐ सुनी अपने मन में बना रामराज रख!!
28/05/20
स्वरचित : सुनीता द्विवेदी
कानपुर उत्तरप्रदेश


Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
सफेद दूब-
Image
आपका जन्म किस गण में हुआ है और आपके पास कौनसी शक्तियां मौजूद हैं
Image
भोजपुरी भाषा अउर साहित्य के मनीषि बिमलेन्दु पाण्डेय जी के जन्मदिन के बहुते बधाई अउर शुभकामना
Image