सुबेदार सिंह / पंकज कुमार
धौरहरा ( लखीमपुर खीरी )। शासन के आदेशों के बावजूद भी पराली जलाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को धौरहरा क्षेत्र के चमारनपुरवा गांव के नजदीक किसानो द्वारा पराली जलाई गई। जिला प्रशासन द्वारा बरती गई सख्ती का कोई असर नहीं दिखाई दिया।कोनिया निवासी राजकुमार पुत्र राधेश्याम थाना धौराहरा जिला लखीमपुर खीरी के रहने वाले हैं जिन्होंने प्रसाशन से बेख़ौफ होकर जला दिया खेत जलाते वक्त पहुंची दी ग्राम टुडे की टीम ने पूछा तो राजकुमार प्रसाशन से बेखौफ होकर खेत जलाते रहे और कुछ भी कहने से इनकार कर दिया खेत की जुताई करने लगे ।हालांकि क्षेत्र के जागरूक किसानों का कहना है की खेतों में इसके जल जाने से खेतों की उर्वरा शक्ति कम होती है, वहीं गन्ने की पात्ती के साथ खेत की मिट्टी भी जल जाती है जिससे फसल की पैदावार भी कम होने की उम्मीद रहती है साथ ही जमीन में रहने वाले केंचुए कीटाणु भी जल जाते हैं और जमीन में सूखापन रहता है। जमीन में सूखेपन के कारण फसल भी कम होती है।
पात्ती के जलने से निकलने वाला धुआं पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाता है
मंगलवार को भी धौरहरा क्षेत्र के अंतर्गत चमरनपुरवा मार्ग पर गन्ने की पत्ती जलती हुई देखी गई।
प्रसाशन मुक दर्शक बना पर्यावरण को असंतुलित होते देख रहा है। प्रशासन मौन किसान बेखौफ ।