गाल पर मलिके गुलाल
देवरा सतावे दुपहरिया
गाल पर मलिके गुलाल--
पनिया भरन के गइनी पोखरवा,
बगदल पवनवा खिंचलस अँचरवा।
जियल भइल बा मोहाल हो
जियल भइल बा मोहाल
देवरा सतावे दुपहरिया
गाल पर मलिके गुलाल --
भँवरन के जस मेंड़ड़ाय ननदोइया,
जल्दी से गाड़ी धई ल हो सईंया।
फगुनहटा छिलताटे छाल हो
फगुनहटा छिलताटे छाल
देवरा सतावे दुपहरिया
गाल पर मलिके गुलाल --
पिया पैनाली दरद मोरा बुझऽ,
टपकत मदन रस आई के लूझऽ।
मन मोरा भइल बेहाल हो,
आरे मन मोरा भइल बेहाल
देवरा सतावे दुपहरिया
गाल पर मलिके गुलाल -----
दिलीप पैनाली
सैखोवाघाट