रंग चढ़ा है
तेरी ही चाहत का
उतरे नहीं
उमंगें छाई
रंगों की बौछार है
होली है होली
पेड़ व पौधे
पुलकित विहगों
खिला मौसम
रंग घुलते
हरा गुलाबी पीला
धूम मचे हैं
बसंती बेला
बिछड़े आज मिले
खुशियां छाई
मीठी गुझिया
गुलाल भरी होली
प्यारा त्यौहार
बच्चों की टोली
ढोल मजीरा बाजे
हुड़दंग है
ममता सिंह