दया धरम का वास हो मन में हे भगवान।
भोले से मैं मांगती बस इतना वरदान।। 1
भोले ने सबको दिया इतना सुंदर देह
वैर भाव को भूलकर रक्खो सबसे नेह 2
भोले बाबा की शरण ली जिसने एक बार।
भोले ने खुद ही गहा उसके तन का भार।। 3
भोले से निभाईए सच्चे मन से प्रीत।
भोले बाबा साथ दो बनो हमारे मीत।। 4
भोले ने सबको दिया हर सुख चैन सुकून।
अब तो दिलो दिमाग में उनका बसा जुनून।।5
जब भी अच्छे भाव से करता शिव को याद।
पूरी होती है सदा उनकी हर फरियाद।।6
हर दुख तकलीफ में देता है आराम।
मंत्र भोले नाथ का करता अद्भुत काम।। 7
भोले ने सबको दिया इतना सुंदर बोध।
होता है अफसोस पर खत्म हमेशा क्रोध।।8
सबके अंदर आत्मा पशु हो या इंसान।
अपने भक्तों को दिया भोले ने ये ज्ञान।।9
भोले के दर आ गया फिर तू कहां गरीब।
भूल गरीबी आज से तेरा जगा नसीब।।10