लहू लुहान जन्मदात्री   हार हो गई

 


प्रियंका रेड्डी से की गई दरिंदगी की इंतहा पर तो कुछ शब्द  
उस बेटी को श्रद्धांजलि  स्वरूप 
 कुछ पंक्तियां


इस बार फिर आबरु लाचार हो गई
दरिंदों की हवस की शिकार हो गई
अस्मत से खेले उसको जला दिया
बिखर गई वो स्त्री तार-तार होगयी


जिस्म देख के बहकते  नर पिचाश
लहू लुहान जन्मदात्री   हार हो गई


मर्द के भेष में इधर-उधर घूमते भेड़िए , इन यौन कुंठित  दरिंदों का  लड़कियों के प्रति कुत्सित मानसिकता  के तहत हवस  का खेल आखिर कब तक चलता रहेगा और क्यों ?  आखिर हमारी बेटियां कब तक ऐसे मर्द रूपी  खौफनाक भेड़ियों , दरिंदों  से इस तरह दरिंदगी का शिकार होती रहेगीं !  हर बेटी यह प्रश्न पूछ रही है समाज से , सरकार से , समाज के ठेकेदारों से सबसे  ?
हमारा समाज , हमारी सरकार सब के सब आखिर कुंभकरण की नींद तो नहीं सो रहे हैं ?  


आखिर क्यों बेटियों की अस्मत आबरू तो तार-तार हो ही रही है  इसके साथ ही वीभत्स  तरीके से लड़की को जान से भी हाथ धोना पड़ रहा है , आखिर क्यों ? 


ये  शैतान   यह भेड़िए दरिंदे क्या जंगल से  निकल कर आते हैं ? कदापि नहीं यह हमारे इस तथाकथित सभ्य समाज से ही आ रहे हैं शर्म आनी चाहिए ऐसे समाज को सभ्य समाज कहने की में , जहां  युवा पीढ़ी के लिए  मानवीय संवेदना
बुद्धि , विवेक , चरित्रवान होना , अनुशासन आदि सद्गुण सब कुछ कागजी बात हो गई है !


आखिर अपने घर के लड़कों का  लोग कैसी  परवरिश कर रहे ? कैसी शिक्षा दीक्षा दे रहे हैं ? जिससे आज के युवाओं में चरित्रहीनता , विवेकहीनता , अनुशासनहीनता , उद्दंडता बढ़ती जा रही है ! किसी बहन बेटी बहू की कतई कदर नहीं है !
 
वर्तमान  पश्चिमी अप संस्कृति में रंगे सभ्य समाज में 
बेटी के घर से बाहर निकलने के बाद जब तक घर नहीं पहुंच जाती  स्वयं लड़की व उसके मां-बाप  भयभीत ही रहते हैं  कि कहीं ऐसा ना हो  कि कहीं वक्त बेवक्त छुट्टा घूमते  आवारा दरिंदों के दरिंदगी की शिकार हो जाए ! 


यानी ऐसे विद्रूप  समय में हमारी बेटी बहन कहीं भी सुरक्षित नहीं है ! कह सकते हैं आजकल बेटियां  हर जगह असुरक्षित हैं! 


 हैदराबाद की पशु डॉक्टर प्रियंका रेड्डी के साथ  जो बर्बरता जो खौफनाक मंजर पेश आया ,  दरिंदों द्वारा दो जो दरिंदगी ,
जो हैवानियत की गई , वो
शैतानियत की हद पार करती है !
 ऐसे  भारतीयों के लिए फांसी की सजा से कम स्वीकार नहीं !


सामूहिक  बलात्कार करने के बाद उन दरिंदों ने जिस बेरहमी से  प्रियंका को जलाया  पूरी मानवता को शर्मसार करने वाला वहशियाना  कुकृत्य है !  देश के निर्भया कांड की रोज पुनरावृति हो रही है !


यह कैसा भारतीय कानून है कि 
ये वहशी  दरिंदो , मानवता के हत्यारों को कानून का जरा भी खौफ नहीं रह गया है ! 
 
भारत में यूं दरिंदगी की इंतहा हो गई है अब 
और अब मातृशक्ति  ,
आधी आबादी  ऐसे दरिंदों के  मर्द फेस में घूमते शैतानों के लिए  सरेआम सजा-ए-मौत की मांग करती है  ताकि  ऐसे दरिंदों  फांसी की सजा का खौफ बना रहे 
ताकि दरिंदगी करने से पहले  
ये भेड़िए शैतान सौ बार सोचे 
उसके बाद भी यदि करते हैं तो उनके  बच निकलने की कोई  गुंजाइश ना रह जाए !


                डा0 तारा सिंह अंशुल


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