गांव से खत
बाप से बेटे को
अखंड चिरंजीव
सदानंद शुभ आशीष ।
मनी आर्डर से भेजे
1525 रु मिले ।
अच्छा हुआ समय पर मिली रकम ।
तेरी माँ की दवाई लाकर इलाज चालू
किया । दिनभर खासी नही आती
लेकिन आधी रात
खासी में बीतती है । वैसा बाकी सब
कुशल मंगल है ।
गए सालसे गाव में
बिजली आयी है ।
लेकिन हर महीना
बिल की रकम बढ़
रही है ।
बाकी सब कुशल मंगल है ।
घरकी दक्षिण दीवार अब कभी
भी गिरेगी ऐसा
लगता है ।
बारिश में भीगने के
कारन दो सीमेंट
गोनिया पत्थर हुई
है ।
बाकी सब कुशल मंगल है ।
गये साल पानी की
पाइप लाइन आयी
है । लेकिन दो दिन
पहले लाइन टूट गयी है । तबसे
पलंबर की राह देख रहा हूँ । और पानी दूरसे लाना पड़ता है ।
बाकी सब कुशल मंगल है ।
अब अगले महीने में अपनी दीपाली
ताई यहाँ आनेवाली है । तुम्हे मालूम है कि वो 4 महिनेकी पेटसी है । और अब डिलीवरी तक यहां रहने वाली है ।
बाकी सब कुशल
मंगल है ।
कल ही गैस सिलिंडर खत्म हो
गया है । अब आठ दिन चूल्हा लगाना
पड़ेगा । और तेरी माँ धुंआ सह नही
सकती ।
बाकी सब कुशल मंगल है ।
अब अपनी भेस भी पेटसी है ।
बाकी सब कुशल मंगल है ।
अब गाव आते समय हो सके तो
दो नये चादर लेके
आना । पुरानी
चादरों में पांव
अटकता है ।
दिन बदिन फटती
जा रही है ।
बाकी सब कुशल मंगल है ।
बहु और बंटी को
शुभ आशीष ।
तुम काम पर ध्यान देना । खाड़े मत करना ।
ईश्वत कृपा से हर महीना गांव की
पंचायत 2 रु किलो से गेहूं चावल डाल
दे रही है ।
यहाँ सब कुशल मंगल है ।
तुम्हारा
बाबा
😔😔😔😔😔
दिवाकर