साहित्यिक पंडानामा-१९
-भूपेन्द्र दीक्षित
पंडानामा के पाठकों के लिए मैं भाषाओं के संधान पर लगा रहता हूं।इस क्रम में मैं बज्जिका तक पहुंचा।
बज्जिका एक सुंदर भाषा है, जो कि बिहार के तिरहुत मंडल में बोली जाती है। इसे अभी तक भाषा का दर्जा नहीं मिला है, मुख्य रूप से यह बोली ही है|
भारत में २००१ की जनगणना के अनुसार इन जिलों के लगभग १ करोड़ १५ लाख लोग बज्जिका भाषी हैं।डा•सीताराम दीन की एक रचना मुझे मिली,आप लोगों के अवलोकनार्थ प्रस्तुत कर रहा हूं-